imprints on the sands of time
Sunday, October 31, 2010
शायद
सतह पर फैलता है शायद कुछ और
इस इंतजार की इन्तहा है शायद कुछ और
वक़्त रुक जाता कभी कुछ और
साँसे लेते हम भी कुछ और
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